मैं जाऊं स्कूल हंसते-हंसते , मैं जाऊं स्कूल हंसते-हंसते, पीठ पर बसता लादे हुए, कदम शान से बढ़ाऊ, कक्षा के सभी बच्चों से , सबसे पहले पहुंच मैं जाऊं , मैं जाऊंगा स्कूल हंसते-हंसते
पढ़ने के समय पढ़ो, खेलने के समय खेलो, करूं समय से सभी काम मैं, हमेशा प्रशंसा पांऊ मैं, दुलारी बच्ची कहते थे सब, तुम हो बच्ची अच्छी, मैं जाऊं स्कूल हंसते-हंसते,
पढ़ लिख कर मुझे आगे बढ़ना था, गरीबों की मदद करना था, अपने भारत देश को भी, सब देशों से ऊंचा करना था, यह संकल्प लिए बढ़ रही थी, पढ़ते लिखते जाते हंसते, समय ही निकल गया पता ही ना चला, कि इतने बड़े हो गए और अब सब के लिए मुसीबत बन गए, मैं गई स्कूल हंसते-हंसते,
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