छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती-chhatrapati shivaji maharaj jayanti.

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छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती-

दोस्तों हम सभी जानते हैं हमारा भारत देश बहुत ही महान वीर पुरुषों से भरा हुआ है !

हमारे देश में बहुत से महान योद्धा हुए हैं महाराज छत्रपति शिवाजी  भी  एक महान योद्धा थे !

छत्रपति शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की नींव रखी थी इसके लिए उन्होंने मुगल साम्राज्य के शासक औरंगजेब से काफी संघर्ष किया था !  सन 1674 में रायगढ़ में उनका राज्याभिषेक हुआ था तभी से वह छत्रपति बने थे !

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 छत्रपति शिवाजी का जीवन परिचय

छत्रपति शिवाजी का पूरा नाम छत्रपति शिवाजी भोसले था !छत्रपति शिवाजी का जन्म 19 फरवरी 1630 में शिवनेरी दुर्ग में हुआ था ! जो कि पुणे में स्थित है! 

 छत्रपति शिवाजी के पिता का नाम शाहजी और माता का नाम जीजाबाई था !  छत्रपति शिवाजी की जाति कुर्मी थी !

छत्रपति शिवाजी महाराज की 8 पत्नियां थी जिनके नाम सईबाई, सोयराबाई, पुतलीबाई, शकूरबाई ,  काशीबाई जाधव, सगुनाबाई, लक्ष्मीबाई तथा गुणवतीबाई था

शिवाजी महाराज के 2 पुत्र थे जिनका नाम संभाजी और राजाराम प्रथम था !

छत्रपति शिवाजी के आध्यात्मिक गुरु का नाम रामदास था और उनके गुरु का नाम दादाजी कौन देख था !

छत्रपति शिवाजी का निधन 3 अप्रैल 1680 में रायगढ़ में हुआ था !

छत्रपति शिवाजी का राज्याभिषेक

छत्रपति शिवाजी महाराज का प्रथम राज्य अभिषेक रायगढ़ में 1674 में हुआ था जिसमें उन्हें छत्रपति की पत्नी मिली और राज्य अभिषेक करवाया गया !

छत्रपति शिवाजी महाराज का  दूसरा राज्याभिषेक 4 अक्टूबर 1674 में हुआ था जिसमें उन्हें शिवाजी महाराज के नाम की उपाधि ग्रहण की थी !

छत्रपति शिवाजी महाराज को महानायक और मराठा साम्राज्य का गौरव माना जाता है शिवाजी महाराज अत्यंत ही शौर्य निडर बहादुर और एक बेहद कुशल शासक एवं रणनीति के थे ! शिवाजी महाराज ने अपने अकेले दम पर सभी मराठा ओं को एकत्र किया और मराठा साम्राज्य की स्थापना की !  

हमारे भारत देश में वैसे तो कई युद्ध जन्म लिए हैं मगर छत्रपति शिवाजी महाराज अपने आप में एक अलग ही प्रतिभा रखते हैं ! 

छत्रपति शिवाजी महाराज की माता जीजाबाई एक बेहद थी साहसी और धार्मिक प्रवृत्ति की महिला थी उन्होंने अपने पुत्र शिवाजी के अंदर बचपन से ही राष्ट्रभक्ति और युद्ध कौशल की नीतियां कूट-कूट कर भरी थी ! 

छत्रपति शिवाजी महाराज की महत्वपूर्ण लड़ाइयां

  • प्रतापगढ़ की लड़ाई 1659
  • पवन खिंड की लड़ाई 1660
  •  सूरत की लड़ाई 1664
  •  पुरंदर की लड़ाई 1665
  •  सिंह गढ़ की लड़ाई 1670
  •  कल्याण की लड़ाई 1682
  •  संगमनेर की लड़ाई 1679

छत्रपति शिवाजी और अफजल खान की लड़ाई-

छत्रपति शिवाजी महाराज ने अफजल  खान को बड़ी ही चतुराई से मृत्यु के घाट उतारा था !

शिवाजी महाराज और अफजल खान की मुलाकात प्रतापगढ़ के किले में हुई थी,  

अफजल खान चालाकी से छत्रपति शिवाजी महाराज को मारने की सोच रहा था ,

वह जैसे ही शिवाजी महाराज के गले मिला , उसने अपने हाथ में चाकू बांध रखा था, जो कि उसने शिवाजी महाराज के पेट में घुसाने की कोशिश की , 

 परंतु छत्रपति शिवाजी महाराज ने सतर्कता बरती और अफजल खान के पेट बाघनख से चीर दिया ,  

जिसे देखकर उसके सैनिकों ने उसे बचाने के लिए शिवाजी महाराज पर हमला किया !

इसी बीच अफजल खान वहां से भाग गया,  शिवाजी महाराज पहले से ही जानते थे कि अफजल खान उन्हें धोखा देगा इसलिए उन्होंने पहले से ही अपने हाथ में बागनाथ पहन रखा था !

मुस्लिम शासन को खत्म किया –

17 वीं शताब्दी में जब पूरा भारत वर्ष मुगल साम्राज्य से मुगल सल्तनत से बढ़ते हुए खतरे से जूझ रहा था तो छत पति शिवाजी महाराज ने मराठा साम्राज्य की स्थापना की तथा मुगलों को कड़ी चुनौती दी,

 छत्रपति शिवाजी महाराज ने ना केवल मुगल शासक शहंशाह औरंगजेब को टक्कर दी बल्कि दक्षिण और पश्चिम भारत से मुस्लिम शासन को ही खत्म कर दिया !

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मैं पुनीत मिश्रा हूं। मैं hindiblogs पर जीवनी, प्रेरक कहानियां, महत्वपूर्ण दिनों के बारे में लेख लिखता हूं।

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