शीला दीक्षित एक महान महिला होने के साथ-साथ एक वरिष्ठ नेत्री थीं। शीला दीक्षित का भारतीय राजनीति में एक बहुत ही नामी चहरा है।
शीला दीक्षित ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में रहकर सेवा की है। शीला दीक्षित ने देश की राजधानी दिल्ली में भी 3 बार मुख्यमंत्री के रूप में रहकर कई महत्त्वपूर्ण कार्य किए हैं।
शीला दीक्षित का प्रारंभिक जीवन
शीला दीक्षित का जन्म साल 1938 में 31 मार्च को पंजाब में हुआ था। शीला दीक्षित को पंजाब की बेटी भी कहा जाता है। शीला दीक्षित ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा दिल्ली के कान्वेंट ऑफ़ जीसस एंड मेरी स्कूल से ली थी।
इसके बाद उन्होंने इतिहास में मास्टर्स की डिग्री दिल्ली यूनिवर्सिटी के मिरांडा हाउस कॉलेज से ली थी और दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही डॉक्टर ऑफ़ फिलोसोफी की पढ़ाई की थी।
शीला दीक्षित का निजी जीवन
शीला दीक्षित ने प्रेम विवाह किया था जिसके बारे में उन्होंने खुद बताया था। शीला दीक्षित के स्वर्गवासी पति विनोद दीक्षित एक आईएएस अधिकारी थे। शीला दीक्षित और उनके पति के घरवाले इस अंतरजातीय विवाह के लिए बहुत ही मुश्किल से माने थे।
जब विनोद दीक्षित आईएएस अधिकारी बन गए तब ही शीला दीक्षित के घरवाले उनके इस विवाह के लिए माने। इसके बाद साल 1962 में 11 जुलाई को दोनों का विवाह हुआ। शीला दीक्षित और विनोद दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित भी इंडियन नेशनल के सदस्य हैं।
शीला दीक्षित का राजनीतिक सफर
शीला दीक्षित साल 1970 में युवा महिला एसोसिएशन की चेयरपर्सन थी, दिल्ली में उन्होंने दो सबसे सफल वर्किंग वीमेन हॉस्टल स्थापित करने की मदद की।
इसके कुछ समय बाद शीला दीक्षित ने गारमेंट एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन में एग्जीक्यूटिव सेक्रेटरी के तौर पर भी काम किया। इसके बाद साल 1984-1989 तक शीला दीक्षित उत्तरप्रदेश के कन्नौज का प्रतिनिधित्व करते हुए पार्लियामेंट की सदस्य रहीं।
इसी के साथ साल 1986-1989 में शीला दीक्षित ने केन्द्रीय मंत्री में दो महत्वपूर्ण पदों पर काम किया था। शीला दीक्षित ने साल 1984 से लेकर 1989 तक यूनाइटेड नेशन कमिशन में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया और इसके बाद शीला दीक्षित ने 1990 में महिलाओं के हक के लिए आवाज़ उठाई और उन पर होने वाले अत्याचारों के विरुद्ध भी आन्दोलन चलाए।
इसके बाद साल 1998 से 2013 तक शीला दीक्षित लगातार तीन बार दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं। शीला दीक्षित दिल्ली की सबसे ज्यादा समय तक रहने वाली मुख्यमंत्री के साथ ही सबसे ज्यादा लोकप्रिय मुख्यमंत्री भी मानी जाती थीं। इसके बाद मार्च 2014 से लेकर अगस्त 2014 तक केरल में गवर्नर के पद पर भी कार्य किए।
शीला दीक्षित नहीं अपने महत्वपूर्ण पदों पर रहते हुए कई महत्वपूर्ण कार्य किए जो हमेशा सराहनीय रहेंगे।इसी के साथ शीला दीक्षित ने कई महत्वपूर्ण डिपार्टमेंट भी संभाले।
शीला दीक्षित को मिले सम्मान
✓ शीला दीक्षित को साल 2008 में जर्नलिस्ट एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया द्वारा बेस्ट चीफ मिनिस्टर का अवार्ड मिला।
✓ शीला दीक्षित को साल 2009 में एनडीटीवी द्वारा पोलिटीशियन ऑफ़ दी इयर अवार्ड मिला।
✓ शीला दीक्षित को साल 2013 में दिल्ली वीमेन ऑफ़ डिकेड अचीवर अवार्ड मिला।
शीला दीक्षित की मृत्यु
शीला दीक्षित की तबीयत लंबे समय से खराब चल रही थी। शीला दीक्षित को साल 2019 में 19 जुलाई को कार्डियक अर्रहिथमिया के लिए फोर्टिस में भर्ती कराया गया, और उनकी हालत उस वक्त इतनी गंभीर थी कि उन्हें वेंटीलेटर में रखा गया था।
लेकिन उनकी हालत में कोई सुधार नहीं आया। जिसके बाद 20 जुलाई को बीमारी से लड़ते-लड़ते उनका निधन हो गया।
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