हनुमान जयंती कब मनाई जाती हैं ?-When is Hanuman Jayanti celebrated?

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हनुमान जयंती हिन्दू धर्म से जुड़े लोगों के लिए एक विशेष पर्व है। आम तौर पर इस पर्व को कलियुग के सबसे प्रभावशाली देवता, हनुमान जी के जन्मदिवस के रूप में मनाते है।

शिव जी के 11वें अवतार के रूप, भगवान हनुमान, हिन्दू धर्म के सेवकों के लिए अत्यंत महत्वूर्ण एवं आस्था पूर्ण देव हैं।

इसी कारण यह पर्व भारत वर्ष में बड़ी आस्था के साथ मनाया जाता है।

हनुमान जयंती कब मनाई जाती हैं-

हिन्दू मान्यता के अनुसार, हनुमान जयंती को तिथि के अनुसार मनाया जाता है। इस प्रकार वर्ष में दो बार हनुमान जयंती की तिथि आती हैं।

प्रथम तिथि, चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि को पड़ती है एवं द्वितीय तिथि कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को पड़ती है। इन तिथियों की धारणाएं भी भिन्न भिन्न है।

एक तिथि की हनुमान जयंती को, हनुमान जी के जन्मदिवस के रूप में मनाते है। दूसरी तिथि की हनुमान जयंती को, हनुमान जी के अभिनंदन समारोह के रूप में मनाते है।

सामान्यतः उत्तर भारत में चैत्र महीने की पूर्णिमा तिथि को ही महत्वपूर्ण रूप से माना जाता है।

हनुमान जयंती का क्या महत्व है-

हनुमान जयंती का पर्व हिन्दू धर्म के अनुयायियों के विश्वासव आस्था से जुड़ा है। चूंकि यह पर्व हनुमान जी के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है।

इसीलिए भगवान हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए व उनका इस कलियुगी युग में गुणगान करने के लिए पूरे भारत वर्ष में यह पर्व हर्ष व उत्साह से मनाया जाता है।

हनुमान जयंती के पर्व को किस प्रकार मनाते है –

हनुमान जी के जन्मदिवस के इस पर्व को मनाने के लिए हिन्दू धर्म के लोग अधिकतर संख्या में हनुमान जी के मंदिर में जाकर, प्रसाद चढ़ाते है तथा उनका आशीर्वाद ग्रहण करते हैं।

इस दिन हनुमान जी के अनेक भक्त व्रत भी रखते है। हनुमान जी को लाल वस्त्र पहनाए जाते है, चमेली के तेल से उनका अभिषेक भी कराया जाता है।

इसके अतिरिक्त विभिन्न – विभिन्न मान्यताओं के अनुसार अनेक विधियों द्वारा हनुमान जी का जन्म उत्सव पूर्णतः जोश के साथ मनाया जाता है।

कहा जाता है कि एक बार, सीता जी को राम जी की दीर्घायु के लिए मांग में सिंदूर लगाते देख, उन्होंने स्वयं भी राम भक्ति में तृप्त होकर लाल सिंदूर को अपने पूरे शरीर पर लगा लिया।

तभी से हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए उन्हें लाल सिंदूर भी लगाया जाने लगा।

हनुमान जयंती को लेकर अनेक श्रद्धालुओं का यह भी कहना है कि हनुमान जयंती को जयंती के स्थान पर जन्मोत्सव के नाम से मनाया जाए क्यूंकि जयंती उनकी मनाई जाती है जो इस दुनिया में नहीं है।

परंतु हनुमान जी तो हिन्दू धर्म के अजर व अमर देवता है। इसलिए इस पर्व को अनेक लोग हनुमान जयंती के स्थान पर हनुमान जन्मोत्सव के नाम से भी पुकारते है।

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