होली क्यों मनाई जाती है ? Why is Holi celebrated ?

0
20

होली क्यों मनाई जाती है ?

दोस्तों हम सभी जानते हैं भारत विविधताओं का देश है, यहां पर अनेक प्रकार के धर्म, अनेक प्रकार की जातियां और अनेक प्रकार के संस्कृति को मानने वाले लोग रहते हैं !

हर धर्म के लोगों का अलग-अलग त्योहार है, अपनी अपनी संस्कृति है अपनी अपनी भाषा है, तथा अपनी अपनी वेशभूषा भी है !

यहां पर हर धर्म के लोगों को अपना अपना त्योहार बनाने का पूरा अधिकार है तथा सभी लोग मिलजुल कर एक दूसरे के धर्मों का त्योहार मनाते हैं और खुशियां बांटते हैं !

दोस्तों वैसे तो हिंदू धर्म में अलग-अलग प्रकार के त्योहार मनाए जाते हैं. जैसे दीपावली, होली, दशहरा, रक्षाबंधन, जन्माष्टमी और भी बहुत सारे !

परंतु होली का अपना अलग है आनंद है और इस त्यौहार का जश्न अलग ही आनंद देता है ! 

आज आपको हम होली के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे तो कृपया ब्लॉक को आप पूरा पढ़ें !

 होली कब मनाई जाती है-

दोस्तों हिंदू कैलेंडर के हिसाब से होली फाल्गुन पूर्णिमा को मनाई जाती है, और अगर इंग्लिश कैलेंडर की बात करें तो होली मार्च के महीने में अधिकतर आती है ! 

दोस्तों फाल्गुन के महीने में अलग ही आनंद होता है, सर्दियां जा रही होती हैं और गर्मियों का आगमन होने वाला होता है !

तो अभी गर्मियां अच्छे से शुरू भी नहीं होती है और सर्दियां अभी जाने ही वाली होती है, कहने का तात्पर्य यह है कि इस समय पर मौसम में बहुत ही आनंद आता है !

इस समय पर न तो अधिक गर्मी होती है और ना ही अधिक सर्दियां होती है !

 होली क्यों मनाई जाती है ?

हिरण्यकश्यप नाम का एक राजा था, जो खुद को सबसे अधिक ताकतवर समझता था, इसलिए वह दुनिया से घृणा करता था और उसे दुनिया के भगवान विष्णु का नाम भी पसंद नहीं था, लेकिन उसके पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। यह बात हिरण्यकश्यप को पसंद नहीं थी, 

वह कई तरह से अपने पुत्र प्रहलाद को डरता था और भगवान विष्णु की पूजा करने से रोकता था, पर प्रह्लाद नहीं सुनते थे, वह अपने भगवान की भक्ति में रहते थे। इस सबसे परेशान होकर एक दिन हिरन्याकश्यप ने एक योजना बनाई। 

जिस के अनुसार उसने अपनी बहन होलिका (होलिका को वरदान प्राप्त किया था, कि आग पर उसे विजय प्राप्त हुई है, उसे अग्नि जला नहीं सकता) को अग्नि की वेदी पर प्रहलाद को लेकर बैठने को कहा,

प्रहलाद अपनी बुआ के साथ वेदी पर बैठ गया और अपने भगवान की भक्ति में लीन हो गया। तभी अचानक होलिका का छिद्र शुरू हो गया और आकाशवाणी हो गई, जिसके अनुसार होलिका का स्मरण हुआ, कि यदि वह अपने वरदान का दुरूपयोग कर दे, तब वह स्वयं जल कर राख हो जाएगा और ऐसा ही हुआ। 

प्रहलाद की अग्नि में कुछ नहीं मिला और होलिका जलकर भस्म हो गई। इसी तरह प्रजा ने हर्षोलास से उस दिन खुशियां मनाई और आज तक उस दिन को होलिका दहन के नाम से मनाया जाता है

इसे भी पढ़ेबालों का झड़ना कैसे रोके ? घरेलू उपाय – How to stop hair fall?

होली में रखे सावधानी :

  • होली के रंग का त्योहार सावधानी से मनाया जाना जरूरी है। आजकल रंग मिलावट होने के कारण कई नुकसान का सामना करना पड़ता है इसलिए गुलाल से माना चाहिए!
  • भांग में अन्य नशीले पदार्थों का सेवन भी आम है इसलिए इस तरह से बचना बहुत है।
  • गलत रंग से आंखों की बीमारी होने का खतरा भी होता है।
  • घर से बनी कोई भी वस्तु खाने से मिलावट का खतरा और अधिक बड़े बुजुर्गों में खतरा त्योहार त्योहार में त्योहार त्योहार त्योहार त्योहार त्योहार त्योहार में त्योहार त्योहार त्योहार त्योहार में।
  • एक लगे दूसरे को रंगये, जबरजस्ती ना करें अगर कोई ना तो. होली पर सांम भी बड़ने लगा है।
https://www.pmwebsolution.in/
https://www.hindiblogs.co.in/contact-us/


मैं पुनीत मिश्रा हूं। मैं hindiblogs पर जीवनी, प्रेरक कहानियां, महत्वपूर्ण दिनों के बारे में लेख लिखता हूं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here