नींबू lemon बहुत थी लाभ पहुंचाता है इसको लगातार पीने से लगातार पीने से काफी अच्छे परिणाम मिलते हैं,
रक्त की अम्लता को दूर करने का विशिष्ट गुण रखता है। त्रिदोष, वायु-संबंधी रोगों, मंदाग्नि, कब्ज़ और हैजे में निंबू lemon विशेष उपयोगी है।
नींबू lemon के फूल में अम्ल (साइट्रिक एसिड) की मात्रा लगभग ७.५% होती है।
परंतु उसका पाचन होने पर, उसका क्षार में रूपांतर होने से वह रक्त में अन्नादि आहार से उत्पन्न होने वाली खटाई को दूर कर रक्त को शुद्ध करता है।
इसमें विटामिन ‘ सी ‘ अधिक मात्रा में उपलब्ध होता है अतः यह रक्तपित्त, सूखा (स्कर्वी) रोग आदि में अत्यंत लाभदायक है।
सावधानी :
सूजन, जोड़ों का दर्द, सफेद दाग इन लोगों में नींबू lemon का सेवन नहीं करना चाहिए।
औषधि प्रयोग :
१. मुंह सुखना : ज्वर – अवस्था में गर्मी के कारण मुंह के भीतर लार उत्पन्न करने वाली ग्रंथियां जब लार उत्पन्न करना बंद कर देती है और मुंह सूखने लगता है तब नींबू का रस पीने से यह ग्रंथियां सक्रिय बनती है।
२.पित्त प्रकोप, उदररोग : पित्त प्रकोप से होने वाले रोगों में नींबू सर्वश्रेष्ठ लाभकर्ता है। अम्लपित्त में साम पित्त का पाचन करने के लिए नींबू के रस में सेंधा नमक मिलाकर दे। यह अफरा, उल्टी, उदर्क्रमी, मलावरोध, कंठ रोग को दूर करता है।
३. अपच, अरुचि : नींबू के रस में मिश्री और काली मिर्च का एक चुटकी चूर्ण डालकर शरबत बनाकर पीने से जठराग्नि प्रदीप्त होती है, भोजन के प्रति रुचि उत्पन्न होती है व आहार पाचन होता है।
४. पेट दर्द, मंदाग्नि : एक ग्लास पानी में 2 चम्मच नींबू का रस, 1 चम्मच अदरक का रस व मिश्री डालकर पीने से हर प्रकार का पर दर्द दूर होता है, जठराग्नि प्रदीप्त होती है व भूख खुलकर लगती है।
५. मोटापा, कब्ज़ : एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू का रस एवं दो-तीन चम्मच शहद डालकर पीने से शरीर की अनावश्यक चर्बी कम होती है, शौचशुद्धी होती है एवं पुरानी कब्ज मिट जाती है।
६. दांतों से खून निकलना : नींबू का रस उंगली पर लेकर दांतों के मसूड़ों पर गिरने से तथा नियमित रूप से नींबू का शरबत पीने से दातों में से निकलने वाला खून बंद हो जाता है।
७. त्वचा रोग : नींबू के रस में इमली के बीज पीसकर लगाने से दाद, खाज मिटती है। कृमि, कंडू, कुष्ठ रोग में जब स्त्राव ना होता हो तब नींबू का रस लगाने से लाभ होता है।
नींबू के रस में नारियल का तेल मिलाकर शरीर पर उसकी मालिश करने से त्वचा की शुष्कता, खुजली आदि त्वचा के रोगों में लाभ होता है।
८. बालों की रूसी, सिर के फोड़े – फुंसी : नींबू का रस और सरसों का तेल संभाग में मिलाकर सर पर लगाने से रूसी में राहत मिलती है और बाद में दही से रगड़ कर धोने से कुछ ही दिनों में सिर का दारूंक रोग मिटता है। इस रोग से सिर में फुंसियां व खुजली होती है।
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