हमारी राजनीतिक चेतना का सिकुड़ता सामाजिक बोध-The shrinking social perception of our political consciousness

आख़िर क्या हो गया है, हमारी मानवीय संवेदनाओं को? वे मानवीय मूल्यों के प्रति इतनी निष्ठुर कैसे हो गईं? लोग मर रहें...

सोशल मीडिया (फेसबुक) और रचना का क्रियाकरम-Social media and creation activity

फेसबुक पर कविता अब संक्रामक महामारी का रूप लेती जा रही है। यहाँ बहुतों ने बहुतों को कविता...

 ॐ की महत्ता-Importance of OM

 ॐ ईश्वर का बोध कराने वाला शब्द है। ब्रह्म के ओंकार के अवयव आकर, उकार तथा मकार को तीन वेदों से प्राप्त...

बजट की समझ-Budget Understanding

कुछ छिद्रान्वेषी  राजनीतिक विश्लेषक लोग पूछते हैं बजट में Budget कहाँ है। इसमें Budget जैसा तो कुछ है...

गिरफ़्तारी-Arrest

लोग बाग दिशा रवि की गिरफ़्तारी पर शुरू से ही बहुत बवाल काटे थे, कह रहे थे ये बहुत ही अलोकतांत्रिक निर्णय...

बंटवारे के बहाने गांधी पर निशाना-bantavaare ke bahaane gaandhee par nishaana

अजीब तर्क है और धूर्तता भी कि गांधी तो कहते थे कि बंटवारा हमारी लाश पर होगा, फिर जीते जी उन्होंने बंटवारे...

धर्म और विज्ञान-Religion and Science

चप्पल बाहर क्यों उतारते हैं? मंदिर में प्रवेश नंगे पैर करने के पीछे वैज्ञानिक कारण यह है कि...

दलबदल एक क्रांतिकारी गतिविधि-Defection is a revolutionary activity

इधर भारतीय समाज में दलबदलुओं को कुछ ज़्यादा ही गिरी हुई निगाह से देखा जाने लगा है। राजनीतिक विशेषज्ञों और समाजशास्त्रियों की...

उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणामों के आयाम-Dimensions of Uttar Pradesh election results

जितने जीत के कारक हैं, उतनी हार की भी अपनी वजहें हैं। अगर नैतिक/अनैतिक दृष्टि से न देखा...

है तो पुरानी पोस्ट मुला ….तकाजा है……..Happy New Year 2023

कुछ लोग नए साल पर यह गीत गाकर कि "यह वर्ष हमें स्वीकार नहीं" पाश्चात्य-अनुकरण के प्रति अपने गहरे रंजो-गम व भारतीय...

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समझ की ही तो बात है…

एक था भिखारी ! रेल सफ़र में भीख़ माँगने के दौरान एक सूट बूट पहने सेठ जी उसे दिखे। उसने सोचा कि...
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